चन्द्रयान-3 के सफल मिशन के बाद ISRO, सूर्य की स्टडी करने के लिए सूर्यमिशन लॉन्च करने के लिए तैयार है।
Mission- आदित्य-एल1 ( सूर्य मिशन )
Date of Launch- September 2, 2023
Rocket- PSLV-C57
Time Duration- 120 Days
Total Cost - Rs 400 crore
भारत का सूर्य मिशन आदित्य L-1 2 सितंबर 11:30 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जायेगा। Aditya-l1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इस पल को सबको बेसब्री से इंतजार है। धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह मिशन क्या और कैसे अध्ययन करेगा, इस पर नजरें टिकी है।
15 लाख किलोमीटर दूर आखिर क्या और कैसे अध्ययन करेगा आदित्य-एल1
इसरो(ISRO) के मुताबिक, सूर्य की विभिन्न परतों का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 सात पेलोड ले जाएगा. अंतरिक्ष यान में लगे ये पेलोड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स की मदद से फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना का अध्ययन करेंगे.
सात पेलोड में से चार पेलोड सूर्य का अध्ययन करेंगे और बाकी तीन L1 पर पार्टिकल्स और फील्ड्स का इन-सीटू अध्ययन करेंगे. इससे इंटरप्लेनेटरी माध्यम में सौर गतिकी के प्रसार प्रभाव का अहम वैज्ञानिक अध्ययन हो सकेगा.
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आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं -
ISRO की बेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक
* सौर ऊपरी वायुमंडलीय का अध्ययन।
* क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल तापन, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन की शुरुआत, और फ्लेयर्स का अध्ययन
* सूर्य से कण की गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले यथावस्थित कण और प्लाज्मा वातावरण का प्रेक्षण
* सौर कोरोना की भौतिकी और इसका ताप तंत्र।
* कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व।
* सी.एम.ई. का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति।
* उन प्रक्रियाओं के क्रम की पहचान करें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, बेस और विस्तारित कोरोना) में होती हैं जो अंततः सौर विस्फोट की घटनाओं की ओर ले जाती हैं।
* कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप।
* हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता।
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