AI made Deep Nude Explained in Hindi: विज्ञान के तरक्की करने के साथ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नॉलजी भी काफी किफायती और सबके लिए सुलभ हो गई है। बेशक इसे बनाने का मकसद समाज की भलाई है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, अडवांस टेक्नॉलजी के ज़रिए बनाई गई मॉर्फ्ड इमेज और डीप न्यूड से जुड़ी शिकायतों में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है।
डीप न्यूड क्या ? What is Deep Nude ? ये एप एवं वेबसाइट नॉर्मल फोटो को न्यूड फोटो में बदल देता है। मतलब इसी भी महिला या पुरूष की Normal फोटो को बिना कपड़े (Undress Image) वाली फोटो एक क्लिक में बना देता है। दरअसल, अब किसी की भी न्यूड इमेज बनाना काफी आसान हो गया है। इंटरनेट पर 'रिमूव ड्रेस एआई' और 'डीप फेक एआई टूल्स' जैसे कीवर्ड की सर्च में तगड़ा उछाल आया है। ये सर्च अनड्रेस एआई, मैजिक इरेजर एआई, सोलजेन एआई जैसी वेबसाइटों की ओर ले जाते हैं। सिर्फ पिछले एक हफ्ते में सोलजेन एआई की सर्च में करीब 15 सौ गुना वृद्धि देखी गई है।
गूगल ट्रेंड्स (Google Trends) ने इन सभी साइटों को 'ब्रेकआउट' सर्च के रूप में क्लासिफाइड किया है। मतलब कि इनके सर्च में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। वैसे न्यूड इमेज बनाने वाली टेक्नॉलजी नई नहीं, लेकिन अब यह काफी सटीक हो गई और बस चंद क्लिक में एक छोटा बच्चा भी ये काम कर सकता है।
अडवांस (Advance) टेक्नॉलजी उनकी तस्वीरों के साथ बड़ी आसानी से बदलाव कर सकती है या डीपफेक बना सकती है। इसके नतीजे काफी गंभीर हो सकते हैं। इस उम्र के बच्चे काफी संवेदनशील होते हैं। वे बदनामी से बचने के लिए घातक क़दम भी उठा सकते हैं। या फिर हो सकता है कि आगे चलकर उनकी निजी ज़िंदगी को ख़राब करने के लिए इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह समस्या काफी बड़ी है, इसलिए इसका समाधान भी दोतरफा होना चाहिए। टेक्नॉलजी हमें असली-नकली का फर्क बता देगी, लेकिन इससे डीपफेक का इस्तेमाल रुकेगा नहीं।
एक सवाल यह भी है कि आखिर इस तरह के ऐप की ज़रूरत ही क्या है? किसी इंटरनेट यूजर को ऐसी सहूलियत क्यों दी जाए कि वह किसी और की अश्लील तस्वीर बना सके? यह किस तरह की रचनात्मकता है? साफ़ जाहिर है कि ऐसी टेक्नॉलजी का कोई उपयोग नहीं। इसका सिर्फ दुरुपयोग हो सकता है। ऐसे में न्यूड कंटेंट बनाने वाले ऐप और वेबसाइट को पूरी तरह से बैन करना भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
इससे ब्लैकमेलिंग कैसे होती हैं- भारत में साइबर अपराध अधिकारी उन ऐप्स और वेबसाइटों पर नज़र रख रहे हैं जो निर्दोष व्यक्तियों को ब्लैकमेल करने के लिए डीप न्यूड तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इससे खास कर लड़कियों की फोटो को न्यूड फोटो में बदल कर उन्हें ब्लैकमेल किया जा सकता है ।
इससे कैसे बचे ? एक्सपर्ट ने लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। ख़ासकर, बच्चों की तस्वीर पोस्ट करने के बारे में।
से 16 साल के बच्चे सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं। अगर आप के साथ ऐसा होता है तो सबसे पहले अपने आप को संभाले और दिमाग से काम करें। इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराये, क्योंकि आप को यह पता है कि यह Real इमेज नहीं है ये Artificial (AI) के जरिए बनाई गई है।


